भारत स्काउट्स और गाइड्स के मूल्य सिद्धांतों , उद्देश्य और विधियों पर एक निबंध लिखिए?
Write an essay on Fundamentals, Purpose and Methods of Bharat Scouts and Guides.
परिभाषा (Definition)
स्काउटिंग/गाइडिंग नवयुवकों/युवतियों के लिये एक स्वयं-सेवी, गैर राजनीतिक शैक्षिक आन्दोलन है जो किसी मूल, जाति, धर्म, वंश के भेदभाव से परे प्रत्येक व्यक्ति के लिये खुला है तथा लार्ड बेडेन पावेल द्वारा 1907 में निर्धारित उद्देश्य, सिद्धान्त व विधियों पर आधारित है।
उद्देश्य (Purpose)
स्काउट/गाइड आन्दोलन का उद्देश्य है- नवयुवक/ नवयुवतियों का शारीरिक, मानसिक, समाजिक और आध्यात्मिक विकास कर उन्हें उत्तरदायी नागरिक बनाना ताकि वे स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिये उपयोगी सिद्ध हो सकें।
सिद्धान्त (Principles)
1. ईश्वर के प्रति कर्त्तव्य : इस ब्रह्मांड एवं सकल जगत का संचालन एवं नियंत्रण किसी अदृश्य शक्ति के अधीन है जिसके अपने निश्चित और सनातन चलते रहने वाले नियम हैं। उसे हम प्रकृति, ईश्वर, गौड, अल्लाह आदि विभिन्न नामों से पुकारते हैं। उसकी नियमावली, उसका अस्तित्व, उसकी अनुकम्पा और उपहारों के प्रति हमें कृतज्ञ होना चाहिए । इस कृतज्ञता को हम उसके यश-गान यथा-प्रार्थना, भजन-कीर्तन, आत्म-चिन्तन, ध्यान-धारणा, सत्संग, परोपकार, सेवा- कार्यों और सद्-ग्रन्थों के पठन-पाठन से पूरा कर सकते हैं। उक्त सद्कार्यों से व्यक्ति में आत्मिक बल की अभिवृद्धि होती है। ऐसा व्यक्ति मानवोचित कार्य करता है। व्यक्ति में सद्गुणों का संचय ही 'देवत्व भाव' है, स्काउट/गाइड शिक्षा व्यक्ति के आन्तरिक गुणों का विकास करती है। प्रार्थना, सर्वधर्म-सभा, प्रतिज्ञा, वनोपसेवन, प्रकृति अध्ययन, नियमाचरण आदि का परिपालन स्काउट/गाइड को ईश्वर के प्रति कर्त्तव्य का बोध कराते हैं।
3. स्वयं के प्रति कर्त्तव्य :- ईश्वर तथा दूसरों के प्रति कर्तव्य बोध के साथ-साथ व्यक्ति को स्वयं का विकास करना भी अति | आवश्यक है। अपनी मानसिक शक्ति, आत्मबल और कौशल का विकास कर ही वह ईश्वर और दूसरों के प्रति कर्त्तव्य का निर्वाह भली भाँति कर सकता है। एक स्वस्थ एवं अनुशासित व्यक्ति ही दूसरों के सम्मुख आदर्श प्रस्तुत कर सकता है। स्वयं के स्वास्थ्य, आदतों एवं - आचरण के प्रति सजगता नितान्त आवश्यक है। अच्छी पुस्तकों का अध्ययन, उच्च प्रशिक्षण, सत्संग, भ्रमण, चिन्तन-मनन-लेखन आदि द्वारा स्वयं का विकास करना संभव है।
विधि (Method)
स्काउट/गाइड शिक्षा की अपनी एक अनूठी पद्धति है जिसकी विधियाँ निम्नांकित हैं -
1. प्रतिज्ञा और नियम का परिपालन :- यह स्काउट/गाइड के लिये एक आचार संहिता है। स्काउट गाइड प्रतिज्ञा और नियम विश्व के सभी धर्मों का सार-तत्व हैं। नियमाचरण द्वारा उन्हें पग-पग पर यह स्मरण कराया जाता है कि उन्होंने कब और कहाँ किस नियम का पालन किया अथवा अवहेलना की।
2. स्वयं करके सीखना :- यह एक अभ्यास साधना है। स्काउट/गाइड अपने अर्जित ज्ञान और कौशल का सतत् अभ्यास करते हैं ताकि वे उनकी आदत में परिणित हो जायें।
3. टोली विधि से नेतृत्व का विकास करना और लोकतांत्रिक भाव जगाना-छोटे-छोटे समूह में प्रशिक्षण, रुचि और क्षमता के अनुरूप कार्य-विभाजन, नेतृत्व का विकास, बड़े भाई-बहिन के निर्देशन में छोटे भाई बहिनों का प्रशिक्षण, लोकतांत्रिक व्यवस्था का परिपालन अर्थात सबसे सलाह-मसविरा कर कार्य करना उनका चरित्र निर्माण करना, आत्म विश्वास, आत्म निर्भरता, सहयोग और नेतृत्व क्षमता का विकास आदि के सतत् अभ्यास से उक्त कार्य उनकी आदत का अभिन्न अंग बन जाते हैं। कार्यक्रमों की विविधता खेल, सिंहनाद, सांस्कृतिक कार्यकलाप, देशगीत, कौशल की प्रतियोगिताएँ, सामुदायिक विकास कार्य, दक्षता के पदक, भ्रमण, वनोपसेवन आदि विविध कार्यकलापों द्वारा स्काउट/गाइड के व्यक्तित्व का विकास होता है।
लक्ष्य (Aim)
स्काउट/गाइड आन्दोलन का प्रमुख लक्ष्य है - आदर्श नागरिक बनाना।
कार्य -क्षेत्र (Areas of Work)
स्काउट/गाइड शिक्षा के प्रमुख क्षेत्र निम्नांकित हैं -
स्काउटिंग/गाइडिंग कौशल :- पायनियरिंग (गांठ-बन्धन, तम्बू तानना, गैजेट्स बनाना, झोपड़ी-मचान-पुल बनाना, वृक्ष कटाई व औजारों का प्रयोग आदि), अनुमान लगाना, प्राथमिक चिकित्सा, शिविर जीवन बिताना, भोजन बनाना इत्यादि कौशलों का प्रशिक्षण व अभ्यास स्काउट/गाइड क्राफ्ट के अंतर्गत कराया जाता है।
साहसिक कार्य वन-विद्या (प्रकृति का अध्ययन व वन्य जीवों का ज्ञान) प्राण-रक्षा, भ्रमण, दिशा-ज्ञान, अन्वेषण व खोज कार्य, आग- बुझाना, पर्वतारोहण आदि साहसिक कार्यों का प्रशिक्षण और अभ्यास कराकर उन्हें साहसी और सुयोग्य नागरिक बनाने का प्रयास किया जाता है
स्वास्थ्य और बल - विविध खेल, प्रतियागिताऐं, व्यायाम, आसन, सूर्य नमस्कार, संतुलित भोजन एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी का प्रशिक्षण एवं अभ्यास कर स्वस्थ नागरिक बनाने का प्रयास किया जाता है।
सामुदायिक सेवा कार्य - पूर्व में स्काउटिंग/गाइडिंग का मुख्य ध्येय स्काउट कौशल (शिल्प) में दक्षता प्राप्त करना था किन्तु अब मुख्य ध्येय समुदाय की सेवा करना है। स्काउट शिल्प का दल में सीखना जहाँ प्रयोगशाला है- समुदाय में उसे कर दिखाना प्रयोग। सामुदायिक कार्यों में-अभिरुचि केन्द्रों की स्थापना, स्वच्छता अभियान, प्रौढ़ शिक्षा, फसल काटने में सहयोग, वृक्षारोपण, पर्यावरण सन्तुलन (प्रदूषण नियंत्रण), कुरीतियों के विरुद्ध अभियान, छुआछूत से मुक्ति, राष्ट्रीय एकता, धर्म-निरपेक्षता, कुष्ठ-निवारण, बाढ़, प्राकृतिक प्रकोप आदि विविध कार्यों का सम्पादन कर स्काउट/गाइड सामुदायिक सेवाव्रत का परिपालन करते हैं तथा सार्वजनिक सम्पत्ति की रक्षा करने में सहायता प्रदान करते हैं।
सांस्कृतिक धरोहर - संस्कृति के अंतर्गत मर्यादाएँ, मान्यताएँ, लोककलाएँ, ऐतिहासिक तत्व, सद्ग्रन्थ, धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों का अवलोकन आदि का समावेश किया जाता है। स्काउट/गाइड देश-गीत, लोक-गीत लोक - नृत्य, प्रहसन, नाटक, कहानी आदि के माध्यम से संस्कृति का स्मरण व उसे चिरस्थायी बनाये रखने का प्रयत्न करते हैं।
प्रतिबद्धता - स्काउट/गाइड यह संकल्प लेते हैं कि वे एक अच्छे नागरिक बनेगें ताकि वे एक उत्तम राष्ट्र का निर्माण कर सकें जहाँ अमीर-गरीब, ग्रामीण-शहरी, जाति-पाति का भेद-भाव न रहे। सर्वत्र भाई-चारा और 'वसुधैव कुटुम्बकम्' अर्थात सम्पूर्ण विश्व एक कुटुम्ब के समान है-की भावना व्याप्त हो। आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्र की आन-मान-मर्यादा को अक्षुण बनाये रखने हेतु अपना सर्वस्व न्यौछावर करने को तत्पर रहें। निष्ठा पूर्वक देश के नियम और कानूनों का परिपालन स्वयं तथा दूसरों से करा सकें। इन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये देश-गान, समूह गान, ध्वज शिष्टाचार, सद् ग्रन्थों का अध्ययन व मनन, सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण व अवलोकन, ग्राम पंचायत, नगर पालिका, महापालिका की सेवाओं का अध्ययन, संविधान की जानकारी, दक्षता पदकों का ज्ञान आदि कार्य अपनाये जा सकते हैं।
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