स्काटिंग गाडिंग के सम्बन्ध में महापुरुषों के विचार
महात्मा गांधी - स्काउट प्रशिक्षण का वर्धा शिक्षा योजना में महत्वपूर्ण स्थान है। यह बिबिध सम्प्रदायों और जातियों के मध्य संदेह को हटाकर उनमें आतृत्व के सच्चे भाव जाग्रत करती है। शिक्षक समाज के पथ प्रदर्शक बनें, इसके लिये उनका दृष्टिकोण विशाल बने और स्काउटिंग यह दृष्टिकोण प्रदान करती है।
स्काउटिंग न केवल शरीर को संयमित करती है वरन् मस्तिष्क और हृदय को भी सुसंस्कृत करती है। में चाहता हूँ कि भारत के घर-घर में स्काउटिंग विद्या में प्रशिक्षित बच्चे हों। किन्तु यदि हम पारस्परिक अविश्वास, सन्देह एवं मतभेदों को दूर न कर सके और समाज में बन्धुरव एवं भ्रातृत्व की स्थापना जो कि योजना का आवश्यक अंग है, उत्पन्न न कर सके तो इस योजना का कोई महत्व न होगा।
जवाहर लाल नेहरू _ देश का हर बालक स्काउट और बालिका गाइड बने ।
सरदार वल्लभ भाई पटेल - आज़ाद भारत के नागरिकों के निर्माण कार्य में स्काउट संस्था जो कार्य कर रही है उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाये कम ही है।
जार्ज बर्नाड शा- ब्रिटेन की गत शताब्दी की सबसे बड़ी देन स्काउटिंग है।
मौलाना आजाद -
श्रीमती इन्दिरा गांध - स्काउट हमारी जनता के सामने उच्च आदर्श प्रस्तुत करते हैं। यदि जनता उनके उसूलों पर चले तो कहीं भी कोई गड़बड़ न होगी और जनता हर तरह की चुनौतियों का सामना कर सकेगी ।
स्काउट्स तथा गाइड्स को जो प्रशिक्षण मिलता है उसकी मदद से वे जहां कहीं भी होंगे और जो कुछ भी करेंगे, उसे सरलता से कर सकेंगे, मैं चाहूंगी कि वे देश के गैर सरकारी राजदूत बनें और जहां कहीं भी जावें, भारत का नाम उज्जवल करें ।
ज्ञानी जैलसिह -- 4 जनवरी 1987 को 10 वीं एशिया पैसिफिक स्काउट जम्बूरी का हैदराबाद में उद्घाटन करते हुये राष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह ने भारत स्काउट और गाइड संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीयुत एस० वी चह्वाण मुख्यमन्त्री महाराष्ट्र से कहा यदि आप कोई अच्छा काम में कर रहे है तो यही कि आप भारत स्काउट गाइड आन्दोलन से जुड़े हैं। आपको मुख्यमन्त्री के काम से भी अधिक महत्व स्काउटिंग गाडिग के कार्य को देना चाहिये । उन्होंने यह भी कहा कि स्काउटिंग गाइडिंग के साहित्य व प्रयत्नों को देखकर यह स्याल आता है कि मानवता जिन्दा है। हमारे बेटे-बेटियां न केवल भारत की वरन् दुनियां की एक ऐसी लहर से जुड़े हैं जो मानवता के सिद्धान्तों से अभिभूत है। मन्दिर मस्जिद आदि में भगवान आता है या नहीं, कहा नहीं जा सकता पर स्काउट या गाइड के अन्दर तो निश्चित ही भगवान बैठा है। उसी का. नूर स्काउट गाइड के चेहरे पर चमकता है। हमारी जिन्दगी सिर्फ हमारे लिये ही नहीं बरन् दूसरों के लिये हो। यदि हम निष्काम सेवा के लिये तैयार नहीं रहते तो सारी तालीम बेकार है। आपके आन्दोलन से जो तालीम मिलती है बही असली है।
यही धर्म है यही दीनों ईमान,
काम आता है इन्सान के इन्सान ।
ऊँचे दर्जे का आदर्श और अनुशासन आपके आन्दोलन में है ।
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